रविवार, 25 दिसंबर 2011

चुनावों से ऐन पहले परदे पर गूंजेगा पवार को पड़ा थप्पड़

अक्षय खन्ना की नई फिल्म ‘गली गली चोर है’ में सिस्टम के गाल पर आम आदमी का थप्पड़ पड़ने वाला है। जाहिर है ये दृश्य आपको दिल्ली में पवार के गाल पर पड़े थप्पड़ की याद भी दिलाएगा। सिस्टम से जूझते भारत कुमार की वापसी आप सब को मुबारक़ हो..

पंकज शुक्ल

केंद्रीय मंत्री और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के गाल पर पड़े आम आदमी के तमाचे की गूंज जल्द ही आपको बड़े परदे पर सुनाई देने वाली है। दिलचस्प बात ये है कि ‘गली गली चोर है’ नाम की भोपाल में शूट हुई जिस फिल्म में एक आदमी द्वारा एक नेता को थप्पड़ मारे जाने का ये सीन फिल्माया जा चुका है, उसके निर्माताओं में एनपीसी के ही एक बड़े नेता की पत्नी भी शामिल हैं। फिल्म का पहला ट्रेलर सेंसर बोर्ड पास कर चुका है और इसे फिल्म डॉन 2 के प्रिंट्स के साथ जोड़ने की कसरत शुक्रवार को देर शाम तक चलती रही। छोटे परदे पर ये धमाकेदार ट्रेलर एक जनवरी से प्रकट होने वाला है।

पांच राज्यों के चुनाव सिर पर हों, अण्णा हजारे के अनशन की मुंबई में जगह तय हो चुकी हो, चारों तरफ भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल बन रहा हो, तो भला हिंदी सिनेमा पर इसका असर कैसे न पड़े? तो तमाम सुपरहिट कॉमेडी फिल्मों के लेखक रूमी जाफरी बतौर निर्देशक जो तीसरी फिल्म लेकर दर्शकों के सामने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बड़े परदे पर लौट रहे हैं, उसका पूरा का पूरा कलेपर ही इंडिया अगेन्स्ट करप्शन आंदोलन की ब्रांडिंग करता नजर आता है।

अक्षय खन्ना अभिनीत फिल्म के जो अंश मैंने खासतौर से देखने में कामयाबी पाई, उसमें एक जगह एक नेता आम आदमी से कहता है, ये जो शहर शहर में तुम लोगों ने मोमबत्ती गैंग बना रखा है, उससे कुछ नहीं होने वाला। कितना भी तुम लोग मोमबत्तियां जला लो, हमारे भीतर का लोहा नहीं पिघलने वाला।


** महाराष्ट्र के एनसीपी नेता सचिन अहीर की पत्नी ने बनाई फिल्म ‘गली गली चोर है’ * टीम अण्णा के धरना स्थलों पर बजेगा 'गली गली चोर है' का शीर्षक गीत **

टीम अण्णा के 27 दिसंबर से दिल्ली और मुंबई में प्रस्तावित धरना और अनशन कार्यक्रमों में फिल्म का शीर्षक गीत ‘गली गली चोर है’ बज सके इसके लिए फिल्म के निर्देशक रूमी जाफरी की टीम अण्णा के सदस्यों से मुलाकात हो चुकी है। तैयारी फिल्म के कलाकारों को अण्णा के अनशन स्थल पर भी ले जाने की है। फिल्म में एक नेता को भोपाल के एक आम आदमी द्वारा थप्पड़ मारे जाने का दृश्य रखे जाने की वजह पूछे जाने पर निर्देशक रूमी जाफरी का दावा है कि जिस दिन फिल्म की यूनिट भोपाल से शूटिंग निपटाकर लौटी, उसी रात फिल्म में काम कर रहे सतीश कौशिक ने उन्हें फोन कर इस खबर की जानकारी दी। लेकिन, ये पूछे जाने पर कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को मारे गए थप्पड़ से प्रेरित दृश्य वाली फिल्म के निर्माताओं में एनसीपी नेता सचिन अहीर की पत्नी संगीता अहीर का होना भी क्या महज संयोग है? रूमी जाफरी ने कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।



एनसीपी नेता सचिन अहीर को एनसीपी में छगन भुजबल का काफी करीबी माना जाता है। लेकिन, अजित पवार के महाराष्ट्र में एनसीपी की कमान थामने के बाद से सुर्खियों में रहने के शौकीन सचिन अहीर पार्टी में हाशिए पर हैं। अपनी पत्नी संगीता अहीर के नाम से फिल्में बनाने वाले और हर साल गोविंदा उत्सव में बड़े बड़े सितारों को बुलाने वाले सचिन अहीर के करीबियों के मुताबिक सियासी थप्पड़कांड को फिल्म में शामिल करने के पीछे सोची समझी रणनीति है और इसीलिए फिल्म के पहले ही ट्रेलर में इसे खासतौर से शामिल किया गया है।

4 टिप्‍पणियां:

  1. बढिया समीक्षा है, फ़िल्म देखेगें।

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  2. उम्मीद की जानी चाहिये कि यह फिल्म ट्रेलर भर न हो.... बल्कि पूरी फिल्म हो....
    सादर.

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  3. ललित शर्मा जी - अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। भाई, समीक्षा तो पूरी फिल्म देखने के बाद लिखी जाएगी। अभी तो ये मुंह दिखाई है..

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  4. संजय मिश्रा जी - ऐसी उम्मीद करना बनता तो है..। धन्यवाद।

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