मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

तू मेरी फरियाद रहे..


तू मेरी उम्र में चांद सी इठला ना सकीं,
स्याह मेरी रात तो क्या,
चांदनी तू आबाद रहे।

मैं भीगूं ना भीगूं ये मेरी किस्मत है,
तेरी तक़दीर है बरसना,
तू यूं ही शाद रहे।

मैं इक़ रोज़ तेरी आंख से बह जाऊंगा,
तेरे रुखसार से लिपटना,
मुझे भी याद रहे।

तू मेरी सांस से लिपटी है सूरज की तरह,
मैं तेरी शाम बनूं,
सुबह तेरी ही बात रहे।

सबने मांगी हैं रब से सलामती की दुआ,
वो उनके हाथ रहे,
तू मेरी फरियाद रहे।

मिल जो जाए अब मौत अचानक से मुझे,
मैं उसके साथ रहूं,
तू सबके साथ रहे। (पं.शु.)


पेटिंग सौजन्य- संगीता रोशनी बाबानी

7 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति।बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद. नीरज जी.

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  3. वंदना जी, आपकी टिप्पणी मेरा हौसला बढ़ाती है। बसंत पंचमी की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं।

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  4. sundar rachna...yehi dua hai ki apki raat kabhi syah na ho, hameaha chandni se roshan rahe

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